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लेखनी कहानी -16-May-2022 मुक्तक : तेरे पास

मुक्तक : 
तर्ज : कोई दीवाना कहता है 

तेरे इक  पास  आने से  मेरा  हर  गम  खतम होता 
तेरी बांहों में जन्नत सा सुखद अहसास सनम होता 
तेरी  चाहत की डोरी से  खिंचा  आता हूं बरबस मैं 
तेरे अधरों  के प्यालों से,  मेरा हर  बार जनम होता 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
16.5.22 


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7 Comments

Farida

16-May-2022 08:20 PM

👌👌👌

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Neha syed

16-May-2022 07:34 PM

Nice

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Haaya meer

16-May-2022 07:23 PM

Very nice

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